Sunday, November 1, 2009

Shree Hanuman Chalisa in Hindi

दोहा
श्री गुरु चरण सरोज रज नीज मना मुकारा सुधारी, अरनाओ रघुवर विमला यशो जो दयाका पहला चारी,
बूढी हीन तनु जानिके सुमिरौ पवन कुमार, बल बूढी विद्या देहु मोंही हरहु कलेसा विकार,
चालीसा
जय हनुमान गयाना गुना सागर, जाया कपीस तिहूँ लोक उजागर,
राम दूत अतुलिउट बल धामा, अनजानी – पुत्र पवन सुता नामा,

महावीर विक्रम बजरंगी,कुमति निवारा सुमति के संगी,
कंचना वरना वीराजा सुवेसा , कनाना कुण्डला कुंचित केसा,

हाथ वज्र अरु ध्वजा विराजे, कंधे मूंज जनेवु साजे,
संकरा सुवना केसरी नंदन, तेजा प्रताप महा जग बंदन,

विद्यावान गुनी अति चातुर, राम कजा करिबे को आतुर,
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया, राम लखना सीता माना बसिया,

सुक्ष्म रूपा धरी सियाही दिखावा, विकता रूपा धरी लंका जरावा,
भीमा रूपा धरी असुर संहारे ,रामचंद्र के कजा सवारे,

लाया सजीवन लखना जियाये, श्री रघुवीर हरषी उर लाये,
रघुपति किन्ही बहुत बडाई, कहा भरता समां तुम प्रिया भाई,

सहस वदन तुम्हारो यश गावे, अस कही श्रीपति कंठ लगावे,
सनाकादिका ब्रह्मादी मुनीष, नारद सरदा सहित अहीसा,

यामा कुबेर दिगपाला जहाँ त,कवि कोविद कही सके कहाँ ते,
तुम उपकार सुग्रीविएना कीन्हा, राम मिलाये राजपद दीन्हा,

तुम्हारो मंत्र विभीशाना माना, लंकेश्वर भये सबा जगा जन,
युग सहस्र योजन पर भानु, लील्यो ताहि मधुरा फल जानू,

प्रभु मुद्रिका मेली मुख माहि, जलधि लांघी गए अचरज नही,
दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुम्हारे तेते,

राम दुलारे तुम रखवारे, होत आग्न्य पिनु पैथारे,
सब सुख लहै तुम्हारी शरण, तुम रक्षक कहू को डरा न,

आपना तेजा तुम्हारो आपे, तीनो लोक हांका ते कम्पी,
भूत पिसाचा निकट नहीं आव,महाबीर जब नाम सुनावे,

नसे रोग हरे सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा,
संकट से हनुमान चुदवेय, मन क्रम वचना ध्यान जो लाव,

सब पर नामा तपस्वी रजा, तीन के कजा सकला तुम सजा,
और मनोरथ जो कोई लावे, तासु अमिता जीवन हल पवई,

चारों युग परताप तुम्हारा, है पारा सीधा जगाता उजियारा,
साधू संत के तुम रखवारे, असुर निकंदाना राम दुल्हरे,

अष्ट सीधी नौ निधि के डाटा, असा वारा दीं जानकी माता,
राम रसायन तुम्हारे पासा, सादर तुम रघुपति के दस,

तुम्हारे भजन राम को भावी, जन्मा जन्मा के दुख बीस रवी,
अन्ता काला रघुपति पुरा जाई, जहाँ जन्मा हरी – भक्तअ कहाई,

और देवता चिट्टा न धरई, हनुमता से यी सर्व सुखा करायी,
संकट कटे मिटे सब पीरा, जो सुमिरि हनुमंत बल्बीरा ,

जय जय जय हनुमान गोसाई, कृपा करहु गुरुदेव की नीई,
जो सत् बार पाठ कर कोई,छुतही बंदी महा सुख होई ,

जो यह पढ़े हनुमान चालीसा , होय सिद्धइ सखी गौरीसा ,
तुलसीदास सदा हरी चेरा , कीजे नाथ ह्रदय माह डेरा .

दोहा
पवन तनया संकट हरन मंगला मूर्ति रूपा,
राम लखन सीता सहित हृदय बसहु सुरभूप,